क्रिकेट के सभी प्रारूपों में टेस्ट क्रिकेट सबसे पुराना है। सबसे पुराना होने के बाद भी टेस्ट क्रिकेट में इतने सालों बाद पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप खेली जा रही है। जिसका फाइनल 18 जून को इंग्लैंड में भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा।
टेस्ट मैचों का इतिहास जितना पुराना है उतना ही रोचक भी। टेस्ट मैचों में कई बार ऐसी भी घटनाएं हुई हैं जो कि अविश्वसनीय है। टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों की ही परीक्षा होती है। इस आर्टिकल में हम टेस्ट क्रिकेट के ऐसे ही बैटिंग रिकॉर्डस के बारे में बताने जा रहे हैं जो बल्लेबाजों के नहीं बल्कि गेंदबाजों के नाम दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा गेंदे खेलकर हुए "डक" पर आउट-
यह मजेदार रिकॉर्ड दर्ज है न्यूजीलैंड के पूर्व गेंदबाज ज्योफ अलॉट के नाम। उनका टेस्ट करियर हालांकि कुछ दिलचस्प नहीं रहा और उन्होंने न्यूजीलैंड की ओर से केवल 10 टेस्ट मैचों में 19 विकेट चटकाए। हालांकि उनके नाम बैटिंग में एक रोचक रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने सबसे ज्यादा गेंदे खेलकर "डक" पर आउट होने का अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया है। 1999 में न्यूजीलैंड ऑकलैंड में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी। इस टेस्ट में ज्योफ अलॉट ने क्रिस हैरिस के साथ मिलकर 10वें विकेट के लिए 27.2 ओवरों में 32 रन की साझेदारी की। लेकिन इस साझेदारी में अलॉट के बल्ले से एक भी रन नहीं आया। वे 77 गेंदे खेलने के बाद डक पर आउट होकर पवैलियन लौटे। लेकिन पवैलियन लौटने से पहले उन्होंने 101 मिनट क्रीज पर बिताए और इतनी गेंदे खेलने के बाद "डक" पर आउट होने को अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम किया।
सबसे अधिक बार नॉटआउट रहने का रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक बार नाबाद लौटने का रिकॉर्ड भी एक गेंदबाज के नाम दर्ज है। यह क्रिकेटर हैं इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन। 38 वर्षीय जेम्स एंडरसन 160 टेस्ट मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और 223 पारियों में वे 94 बार नाबाद लौटे हैं। उन्होंने टेस्ट करियर में 1233 रन बनाए हैं। वहीं गेंदबाजी में उनके नाम बतौर तेज गेंदबाज सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड दर्ज है। वे 160 टेस्ट मैचों में 614 विकेट ले चुके हैं। हालांकि अधिकांश बार वह नंबर 11 पर बैटिंग करने आते हैं इसलिए वे इतनी बार नॉटआउट लौटे हैं।
डेब्यू टेस्ट में सबसे तेज अर्धशतक
अपने पहले टेस्ट मैच में शतक या अर्धशतक जड़ना खास उपलब्धि होती है। कई बल्लेबाजों ने अपने पर्दापण टेस्ट मैचों में शतक एवं अर्धशतक जड़े हैं। लेकिन पहले टेस्ट में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड किसी बल्लेबाज नहीं बल्कि एक गेंदबाज के नाम हैं। ये गेंदबाज हैं न्यूजीलैंड के टिम साउथी। 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ नेपियर में खेले गए एक टेस्ट में उन्होंने चौथी पारी में 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जबरदस्त पारी खेली। टिम साउथी ने 29 गेंदों पर ही अर्धशतक पूरा कर लिया। उनका अर्धशतक 35 गेंदों से कम में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाला एकमात्र अर्धशतक है। उन्होंने इस पारी में 40 गेंदो पर 77 रन की पारी खेली जिसमें 4 चौके व 9 छक्के शामिल थे। इस मैच की पहली पारी में उन्होंने पांच विकेट भी झटके थे। लेकिन डेब्यू टेस्ट में बतौर गेंदबाज ऐसा धुंआधार अर्धशतक हैरान करने वाला रिकॉर्ड है। हालांकि इंग्लैंड ने इस टेस्ट में बाजी मारी थी।
सबसे तेज टेस्ट पारी-
2019 में दक्षिण अफ्रीका भारत दौरे पर थी। इस दौरे का तीसरा टेस्ट मैच रांची में खेला गया। पहली पारी में रोहित शर्मा के दोहरे शतक एवं अजिंक्य रहाणे के शतक की बदौलत भारत काफी मजबूत स्थिति में था। इसलिए निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए भारत के तेज गेंदबाज उमेश यादव पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। उन्होंने आते ही दो गेंदो पर दो छक्के जड़ दिए। टेस्ट क्रिकेट में शुरूआती दो गेंदो पर दो छक्के लगाने वाले उमेश यादव, फोफी विलियम्स (1948, बनाम इंग्लैंड) और सचिन तेंदुलकर (2013, बनाम ऑस्ट्रेलिया) के बाद केवल तीसरे खिलाड़ी बन गए। उन्होंने अपनी 10 गेंदो की पारी में पांच छक्कों की मदद से 31 रन ठोक दिए। उमेश यादव ने अपनी ताबड़तोड़ पारी के दौरान 310 की स्ट्राइक रेट दर्ज की जो एक टेस्ट पारी में किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा बल्लेबाजी स्ट्राइक रेट है। उमेश 30 से अधिक रन या 10 गेंदों की टेस्ट पारी में 300+ स्ट्राइक रेट के साथ रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी हैं। ऐसा रिकॉर्ड किसी गेंदबाज के नाम होना अपने आप में एक अनोखा रिकॉर्ड है।
एक पारी में सर्वाधिक छक्के
सर्वाधिक छक्के मारने वाले खिलाड़ियों की बात होती है तो जेहन में क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स या रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों का चेहरा आता है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सर्वाधिक छक्के मारने का रिकॉर्ड किसी बल्लेबाजी नहीं बल्कि पाकिस्तान के महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम के नाम दर्ज है। 1996 में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच एक टेस्ट मैच में उन्होंने यह कारनामा किया। जिम्बाब्वे ने पहली पारी में 375 रन बनाए थे। पहली पारी में पाकिस्तान के 7 विकेट 237 रन पर गिर चुके थे। ऐसे में वसीम अकरम ने बल्लेबाजी में अपने जलवे दिखाए और 257 रन की नाबाद रिकॉर्डतोड़ पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 22 चौके और 12 छक्के जड़े। बतौर गेंदबाज दोहरा शतक जड़ना भी काफी बड़ी उपलब्धि है और पारी के दौरान 12 छक्के लगाकर उन्होंने इस उपलब्धि को और भी बड़ी बना दिया। उनका यह रिकॉर्ड इतने साल बाद आज भी कायम है।