HomeCricketक्या है बाॅक्सिंग डे टेस्ट के पीछे का इतिहास?

क्या है बाॅक्सिंग डे टेस्ट के पीछे का इतिहास?

कोविड-19 के कारण ठप पड़े अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की फिर से शुरूआत हो चुकी है और इंडियन टी20 लीग का भी सफलतापूर्वक समापन हो चुका है। टीम इंडिया को अब ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जिसके लिए टीम ऑस्ट्रेलिया  पहुंच चुकी है। लंबे समय बाद भारतीय टीम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेगी। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया  में चार टेस्ट भी खेलेगी।

इनमें से दूसरा टेस्ट होगा बाॅक्सिंग डे टेस्ट जो 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। लेकिन क्या आपको पता है, क्या होता है बाॅक्सिंग डे टेस्ट? क्यों खेला जाता है ये 26 दिसंबर को? क्या है इसके पीछे का इतिहास? आइए जानते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-

क्या है बाॅक्सिंग डे टेस्ट?

बाॅक्सिंग का नाम सुनकर दिमाग में मुक्केबाजी का ख्याल आता है लेकिन क्रिकेट के खेल में मुक्केबाजी का कोई लेना-देना नहीं। दरअसल 25 दिसंबर को क्रिसमस के अगले ही दिन शुरू होने वाले टेस्ट मैच को को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है। माना जाता है क्रिसमस को बड़े पैमाने पर सेलीब्रेट करने वाले लोग या फिर कंपनियां उसके अगले दिन अपने कर्मचारियों को बॉक्स यानी डिब्बों में रखकर मिठाइयां या उपहार देती हैं। क्रिसमस के अगले दिन गिफ्ट के बॉक्स को खोलने की परंपरा है। इसी वजह के चलते 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे के नाम से जाना जाता है और इस दिन शुरू होने वाले टेस्ट मैच को बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है।


बाॅक्सिंग डे टेस्ट का इतिहास

बाॅक्सिंग डे टेस्ट की परंपरा शुरू हुई थी वर्ष 1950 से, और तब से लगभग हर साल ऑस्ट्रेलिया 26 दिसंबर से मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक टेस्ट मैच जरूर खेलता है। बॉक्सिंग डे के दिन ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड समेत पूरे यूरोप में नेशनल हॉलीडे होता है। ऑस्ट्रेलिया में सबसे प्रसिद्ध खेल क्रिकेट ही है तो ऐसे में इस खेल के चाहने वालो के लिए छुट्टी के दिन दुनिया के सबसे क्रिकेट मैदानों में से एक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मैच देखने से बेहतर क्या होगा?

सबसे पहले इस दिन 26 दिसंबर को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड का मैच खेला जाता था। घरेलू क्रिकेट के दो सबसे बड़े प्रतिद्वंदी विक्टोरिया और न्यू साउथवेल्स के बीच ये मैच खेला जाता था और हजारों की संख्या में लोग इस मैच का लुत्फ उठाने के लिए ग्राउंड पहुंचते थे। साल 1950 में पहली बार दो अंतरराष्ट्रीय टीमों- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बॉक्सिंग डे के दिन टेस्ट मैच की शुरूआत हुई। हालांकि ये मैच 22 दिसंबर को ही शुरू हो गया था, 24 और 25 दिसंबर को रेस्ट डे था और बॉक्सिंग डे पर मैच का तीसरा दिन था। उसके बाद से साल 1952 में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भी बॉक्सिंग डे पर मेलबर्न में टेस्ट मैच खेला लेकिन उसके बाद 1953 से 1967 तक बॉक्सिंग डे पर मेलबर्न में टेस्ट मैच नहीं खेला गया। 1968 में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर से ही मेलबर्न में टेस्ट मैच खेला गया।


बॉक्सिंग डे टेस्ट से जुड़े रोचक तथ्य

1. वर्ष 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ शेन वॉर्न ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में ही हैट्रिक ली थी और वर्ष 2006 में उन्होंने अपने 700 टेस्ट विकेट भी बॉक्सिंग डे टेस्ट में ही पूरे किए थे, और अपने होम ग्राउंड पर आखिरी मैच को यादगार बना दिया था।

2. वर्ष 1995 में अंपायर डैरेल हेयर ने श्रीलंकाई ऑफ-स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को 'चकर' घोषित किया था। हेयर ने मुरली के तीन ओवरों में सात गेंदो को 'नो बॉल' करार दिया था.

3. वर्ष 1999 में सचिन तेंदुलकर ने 166 रनों की शानदार पारी खेली थी। दूसरी पारी में मास्टर ब्लास्टर ने 52 रन बनाए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम मैच जीतने में कामयाब रही थी।

4. भारत ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 7 बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच खेले हैं, हैरानी की बात ये कि एक भी नहीं जीता है। इन 7 मुकाबलों में से 2 ड्रॉ रहे और पांच में टीम इंडिया को हार मिली। आखिरी बार 2014 में मैच ड्रॉ हुआ था।

ashishsaini
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