साल 2021 भी कोरोना से प्रभावित रहा। खेल जगत भी इससे अछूता नहीं था लेकिन फिर भी साल 2021 खेलों के लिए 2020 की तुलना में काफी बेहतर रहा। 2021 में ओलंपिक खेल भी आयोजित किए गए, क्रिकेट जगत में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला भी इस वर्ष खेला गया, इंडियन टी20 लीग हालांकि कोरोना से प्रभावित रही लेकिन इसका भी बाद में सफलता पूर्वक आयोजन हुआ और इसके बाद विश्व टी20 कप खेला गया।
भारतीय खेलों और खिलाड़ियों ने भी इस साल भारतीयों को कई बार खुश होने का मौका दिया। हालांकि क्रिकेट में इस साल हम पहली बार विश्व कप मुकाबलों में पाकिस्तान से हारे और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी गवां दिया। लेकिन इसके बाद भी खेलों में ऐसे पल थे जिनकी वजह से हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया और इस आर्टिकल में हम भारतीय जगत के ऐसे ही यादगार पलों के बारे में बताने जा रहे हैं-
ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत-
साल 2021 की शुरूआत में ही यानि जनवरी के महीने में ही टीम इंडिया ने भारतीय प्रंशसकों को अपार खुशियां दी जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में मात दी। यह सीरीज इसलिए भी खास रही क्योंकि इस सीरीज में टीम इंडिया विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के बिना खेल रही थी। वहीं इस सीरीज के पहले टेस्ट में टीम इंडिया को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था, पहले टेस्ट की एक पारी में टीम इंडिया केवल 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
इसके बाद टीम इंडिया की कड़ी आलोचना हुई, लेकिन इसके बाद खेले गए बाकि तीन टेस्ट में से टीम इंडिया ने दो में बाजी मारी और एक टेस्ट ड्रॉ करवाया। 19 जनवरी को चौथा टेस्ट मैच जीतकर टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया और इस सीरीज जीत ने करोड़ों भारतीय प्रशंसकों का सर गर्व से ऊँचा कर दिया।
ओलंपिक खेलों में भारत का यादगार प्रदर्शन
कोरोना की वजह से एक साल देरी से आयोजित हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने ओलंपिक के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने साल 2012 में लंदन ओलंपिक में जीते 6 पदकों को पीछे छोड़ते हुए टोक्यो में 1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य पदक सहित कुल 7 पदक अपने नाम किए। नीरज चोपड़ा ने पुरुषों की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता।
पदक तालिका में भारत 48वें स्थान पर रहा। भारत ने मीराबाई चानू के भारोत्तोलन मे रजत पदक के साथ टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत की थी। उनके अलावा रवि दहिया ने कुश्ती में रजत पदक अपने नाम किया। लवलीना बोरगोहेन(बॉक्सिंग), बजरंग पुनिया(कुश्ती), पीवी सिंधू(बैडमिंटन) और भारतीय पुरुष हॉकी टीम कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल रही। 31 साल बाद इसके अलावा महिला हॉकी टीम सहित कई अन्य खिलाड़ी पोडियम के करीब पहुंचने के बाद पदक जीतने से चूक गए।
ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी खिलाड़ियों का जलवा
एक समय था जब विश्व हॉकी जगत और ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी का दबदबा था। लेकिन 1980 के बाद से भारत हॉकी में पदक के लिए तरस गया था। चार दशक से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ओलिंपिक खेलों में पदक नहीं जीत पा रही थी, लेकिन साल 2021 में इतिहास फिर से दोहराया गया। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने इस बार टोक्यो ओलिंपिक-2020 में कांस्य पदक जीता और भारत के चार दशक से चले आ रहे ओलिंपिक पदक के सूखे को खत्म कर दिया। हालांकि भारत स्वर्ण और रजत पद से वंचित रहा। लेकिन भारत ने करीबी मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर चार दशक से चले आ रहे पदक के सूखे को कांस्य पदक जीतकर खत्म किया। पूरा देश इस पल से भावुक था इस पदक को भारतीय हॉकी के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।
पैरालंपिक खेलों में भी भारतीयों ने गाड़े झंडे-
टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की सफलता का असर पैरालंपिक खेलों में भी दिखाई दिया। भारतीय दल ने पैरालंपिक खेलों में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 19 पदक अपने नाम किए और पदक तालिका में 23वें स्थान पर रहा। भारतीय दल ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक अपने नाम किए।
भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा आठ, शूटिंग में 5, बैडमिंटन में 4, टेबल टेनिस और तीरंदाजी में एक-एक मेडल जीते। पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार भारत ने इतने पदक जीते। इससे पहले भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2016 के रियो पैरालंपिक में किया था जहां 2 स्वर्ण समेत भारतीय दल ने 4 पदक अपने नाम किए थे, लेकिन इस बार हमने 15 पदक ज्यादा जीते।
इंग्लैंड में टीम इंडिया का दबदबा
विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड को उसके घर पर चुनौती दी और पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के चार मैचों में 2-1 के अंतर से बढ़त हासिल की। सीरीज का मैनचेस्टर में खेला जाने वाला आखिरी टेस्ट मैच कोरोना के कारण रद्द कर दिया गया। लेकिन सीरीज का यह मैच साल 2022 के जुलाई माह में खेला जाएगा।
इस सीरीज में टीम इंडिया के दबदबा दिखाई दिया। नॉटिंघम में खेला गया पहला टेस्ट ड्रॉ रहा। इसके बाद लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने जीत दर्ज करके 1-0 बढ़त बना ली। लेकिन इसके बाद लीड्स में खेले गए तीसरे मैच में भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा और सीरीज 1-1 की बराबरी पर आ गई। टीम इंडिया ने चौथे टेस्ट में वापसी करते हुए जीत दर्ज की और 2-1 की बढ़त हासिल करने में सफल हुई। सीरीज का अंतिम टेस्ट आगामी जुलाई में होना है और टीम इंडिया 3-1 से सीरीज अपने नाम कर सकती है। यदि इंग्लैंड यह मुकाबला जीतती है तो भी यह सीरीज केवल ड्रॉ होगी।
नीरज चोपड़ा का स्वर्णिम थ्रो
साल 2021 में 7 अगस्त का दिन भारतीय खेल इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। इस दिन टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत के युवा एथलीट नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम हमेशा के लिए अमर करा लिया। साल 2021 को नीरज की इस स्वर्णिम सफलता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। नीरज चोपड़ा ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने, वे एथलेक्टिस में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय हैं। वो ओलंपिक खेलों में अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय भी बने और 13 साल से चले आ रहे ओलंपिक स्वर्ण के सूखे को खत्म किया। नीरज ने 87.58 मीटर दूरी तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। भारतीय खेल जगत में यह पल इस साल का सबसे यादगार पल रहा।