इंडियन टी20 लीग के 14वें सीजन के 29 मैच होने के बाद इस सीजन को कोविड-19 की वजह से स्थगित करना पड़ा। इसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड जल्द ही फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। लेकिन इन 29 मैचों में भी हमने कई रोमांचक मुकाबले देखे और क्रिकेट प्रेमियों ने जमकर लीग का लुत्फ उठाया।
इस सीजन के लगभग 50 प्रतिशत मैच हो चुके थे। 29 मुकाबलों में दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर और मुंबई शीर्ष चार टीमें रही। चेन्नई और मुंबई विजेता टीमें रही हैं और इस बार भी धोनी के नेतृत्व में चेन्नई ने कमाल का प्रदर्शन किया। मुंबई रोहित शर्मा की कप्तानी में 5 बार खिताब जीत चुकी है। लेकिन बैंगलोर और दिल्ली ने इस सीजन में लाजवाब प्रदर्शन किया। पिछले 8 सालों से विराट कोहली बैंगलोर की कप्तानी संभाल रहे हैं।
लेकिन दिल्ली के सामने इस बार बड़ी चुनौती थी क्योंकि दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर चोट के चलते टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। उनकी कप्तानी में दिल्ली पिछली बार फाइनल तक पहुंची थी। इस बार दिल्ली के कप्तानी सौंपी गई एक और युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत को। उन्होंने इस मौके का बखूबी फायदा उठाया और उनकी कप्तानी में दिल्ली ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। 29 मैचों के बाद दिल्ली अंकतालिका में टॉप पर चल रही थी।
इन कारणों से पंत को मिली कप्तानी में सफलता-
युवाओं को मौका-
पंत स्वयं एक युवा क्रिकेटर हैं। इस सीजन में पृथ्वी शॉ और शिखर धवन की जोड़ी ने दिल्ली के लिए बेहतरीन साझेदारियां की और दिल्ली को मैच जिताने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन दोनों बल्लेबाजों के बाद रन बनाने के मामले में पंत का ही नंबर आता है। पंत के प्रदर्शन में इस सीजन में निरंतरता देखने को मिली। पिछले सीजन में अच्छी गेंदबाजी करने वाले नॉर्ट्जे को भी पंत ने बाहर रखा और आवेश खान को मौका दिया। आवेश खान ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और इस सीजन में हर्षल पटेल के बाद वे विकेट लेने के मामले में दूसरे स्थान पर थे।
बैटिंग में सुधार-
पंत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच सीरीज के बाद से ही जबरदस्त फॉर्म में हैं। उन्होंने इस लीग में भी अपनी फॉर्म को जारी रखा। इस सीजन में उनकी बल्लेबाजी में परिपक्वता दिखाई दी। उन्होंने ताबड़तोड़ शॉट खेलने की बजाय पारी को लंबा खींचने में विश्वास रखा और खराब गेंदो पर बड़े शॉट भी बटोरे। उनकी यह परिपक्वता भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत है।
विकेट के पीछे रणनीति-
हमने धोनी को कई मौकों पर विकेट के पीछे रणनीति बनाते हुए देखा है। उनकी रणनीतियां अक्सर सफल भी होती है। पंत ने भी इस बार विकेटों के पीछे कई बार रणनीति बनाई और गेंदबाजों को उनके दिशा निर्देशानुसार गेंदबाजी करने के लिए कहा। ऐसे में कई मौकों पर उनकी रणनीतियां भी सफल रहीं। पंत की आवाज स्टंप माइक में साफ सुनाई देती है जो इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने कई मौकों पर अपने दिमाग से टीम को सफलता दिलवाई।
इस आधार पर हम ऋषभ पंत को इस सीजन में अब तक हुए मैचों का सबसे अच्छा कप्तान कह सकते हैं। यदि उनकी बेहतरीन कप्तानी आगे भी जारी रहती है तो एक दिन वे टीम इंडिया की कमान भी संभाल सकते हैं।