पाँच बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन मारिया शारापोवा ने टेनिस से सन्यास की घोषणा कर दी है। महज 32 वर्ष की उम्र में उन्होंने सन्यास ले लिया।
ऐसा रहा टेनिस स्टार का करियर
मारिया शारापोवा ने मात्र चार साल की उम्र में टेनिस का रैकेट थाम लिया था। लेकिन वे स्टार बनीं साल 2004 में, जब उन्होंने महज 17 साल की उम्र में उस समय दुनिया की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को हराकर विंबलडन चैंपियनशिप अपने नाम की थी और टेनिस की दुनिया में एक नया स्टार बन गई थी।
- मारिया शारापोवा ऐसी पहली खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कुल 5 बार ग्रैंड स्लैम चैंपियनशिप जीती। इनमें 2006 में यूएस ओपन, 2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2012 और 2014 में फ्रैंच ओपन शामिल हैं।
- 2012 ओलंपिक में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था, यह उनका ओलंपिक पर्दापण भी था।
- 2008 में रूस में हुआ फेड कप टाइटल भी उनके नाम दर्ज है, 36 अन्य टूर सिंगल्स टाइटल भी उनके नाम हैं।
- 2005 में वह दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बन गई थी और यह उपलब्धि हासिल करने वाली रूस की पहली महिला खिलाड़ी बन गई थी।
- अपने पूरे करियर में शारापोवा ने लगभग 280 करोड़ रूपये की इनामी राशि जीती है।
- शारापोवा 2005 और 2008 में सबसे ज्यादा बार सर्च की गई स्पोर्ट्स पर्सेनिलिटी थी।
आलोचना की शिकार भी हुईं-
एक बार मारिया शारापोवा ने कहा था कि वे सचिन तेंदुलकर को नहीं जानती हैं। उनके इस बयान के बाद उन्हें बहुत आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था।
वर्ष 2016 शारापोवा के करियर का सबसे खराब साल साबित हुआ। दरअसल इस साल उन्होंने ऐसी दवाओं का सेवन किया था जिन्हें वल्र्ड एंटी डोपिंग एजेंसी वाडा ने प्रतिबंधित किया हुआ है। उन पर दो साल का प्रतिबंध लगा, हालांकि बाद में इसे घटाकर 15 महीने का कर दिया गया।
क्या रही सन्यास की वजह
मारिया ने महज 32 वर्ष की आयु में टेनिस को अलविदा कह दिया। इसके पीछे प्रमुख कारण उनका चोटिल होना है, वे करियर में लगातार चोटों के कारण जूझती रही। वे कंधे की चोट से पूरी तरह नहीं उबर पा रही थीं। इसके अलावा 2016 में बैन लगने के बाद जब उन्होंने वापसी की, तो वे अपने रंग में नजर नहीं आई। उनकी रैंकिंग लगातार गिरती रही, ऑस्ट्रेलियन ओपन के बाद उनकी रैंक 373 पर पहुंच गई, इसलिए उन्होंने सन्यास का फैसला लिया।
एक इमोशनल पोस्ट में उन्होंने लिखा कि, ‘जो हमेशा से तुम्हारी जिंदगी थी, तुम कैसे उसके बगैर रह पाओगी?, उस कोर्ट से कैसे दूर रह पाओगी, जहां तुमने प्रशिक्षण लिया था। जिस खेल ने नया परिवार दिया, खुशियां दी, शोहरत दी अब उससे कैसे दूर रहोगी। मुझे माफ करना, अलविदा टेनिस!