अपने बेहतरीन खेल और कप्तानी की बदौलत भारत को 1983 में विश्व चैंपियन बनाने वाले खिलाड़ी का आज हैप्पी बर्थडे है।
जी हां, अब तक आप समझ ही गए होंगे, हम बात कर रहे हैं टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव के बारे में। आज, यानि 6 जनवरी को कपिल अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं। तो आइए जानते हैं उन्हीं के जीवन से जुड़ी कुछ मजेदार और प्रेरणादायक बातें-
• कपिल का पूरा नाम कपिलदेव रामलाल निखंज है, और 6 जनवरी 1959 को चंडीगढ़ में इनका जन्म हुआ। अपने क्रिकेटिंग करियर की शुरूआत उन्होंने हरियाणा की ओर से खेलते हुए की। इसलिए कपिल को ‘हरियाणा हरिकेन‘ के नाम से भी जाना जाता है।
• 1975 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट से शुरूआत करने वाले कपिल ने वर्ष 1978 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला।
• करियर में 131 टेस्ट मैच खेलने वाले कपिल देव एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 5000 रन भी बनाए और 400 से ज्यादा विकेट भी लिए। टेस्ट में उन्होंने 5248 रनों के साथ 434 विकेट अपने नाम किए हैं।
• 27 वर्ष 2 दिन की आयु में उनके 300 विकेट पूरे हो चुके थे, ऐसा करने वाले वे सबसे कम उम्र के बाॅलर थे।
• कपिल देव की फिटनेस और रनिंग बिटविन द विकेट्स इतनी जबरदस्त थी कि वे टेस्ट में खेली गई 184 पारियों के दौरान वे कभी रनआउट नहीं हुए और ना ही कभी किसी चोट के चलते टीम से बाहर हुए।
• 225 वनडे मैचों में कपिल ने 3,783 रन बनाए और 253 विकेट भी लिए।
• कपिल देव की वनडे मैचों में आईसीसी आॅलराउंडर रेटिंग 631 रही, इतनी रेटिंग किसी भी आॅलराउंडर को आज तक नहीं मिली है।
• वनडे मैचों में कपिल ने ही भारत की ओर से सबसे पहले शतक जमाया था और यही कपिल देव का एकमात्र शतक भी था।
• 1983 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में कपिल ने इतिहास रच दिया था। भारत को विश्व कप में बने रहने के लिए ये मैच हर हाल में जितना ही था, और टीम इंडिया ने पहले खेलते हुए 17 रन पर 5 विकेट खो दिये थे। इसके बाद मैदान पर आए कपिल देव ने अपनी बैटिंग से उस दिन सभी को चौंका दिया और 16 चौकों और 6 छक्कों की मदद से नाबाद 175 रन बना डाले। भारत ने मैच 31 रनों से जीत लिया।
• अफसोस की बात यह है कि कपिल की इस पारी का कोई भी विडियो उपलब्ध नहीं है क्योंकि इस दिन कैमरामैन हड़ताल पर थे।
• 1983 विश्वकप में भारत की कमान संभाल रहे थे कपिल देव, और फाइनल में भारत का मुकाबला वेस्टइंडीज से था और टीम इंडिया 183 रन ही बना पाई थी। विवियन रिचर्ड्स की बल्लेबाजी देखते हुए ऐसा लग रहा था मानो वेस्टइंडीज यह मैच आसानी से जीत लेगी। लेकिन विवियन का एक शाॅट हवा में गया और कपिल देव ने गेंद के पीछे भागते हुए एक बेहतरीन कैच लपक लिया, इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम लड़खड़ा गई और टीम इंडिया ने उन्हें हराते हुए विश्व विजेता का खिताब पहली बार अपने नाम कर लिया।
• महान आॅलराउंडर ने वर्ष 1994 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
• कपिल देव को पद्म श्री, पद्म भूषण, अर्जुन अवाॅर्ड जैसे कई सम्मानों से नवाज़ा गया है।
• क्रिकेट के बाद कपिल देव सिल्वर स्क्रीन पर भी नजर आ चुके हैं, वे भारतीय थल सेना में कर्नल के पद पर भी तैनात हैं और एक सफल बिजनेसमैन भी हैं।
• मैदान के साथ-साथ वे अपने जिंदगी में भी एक आॅलराउंडर की भूमिका निभा रहे हैं और युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।