इंडियन टी-20 लीग का आगाज 19 सितंबर से यूएई में होने जा रहा है और ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत अधिक है और ये लगातार बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के कारण ही मार्च से मई माह तक होने वाली इस लीग को अब सितंबर से नवंबर माह में आयोजित करवाया जा रहा है।
लेकिन कोरोना वायरस के साथ ही भारत और चीन के बीच मतभेद उत्पन्न हो गए हैं और इन मतभेदों का असर इंडियन टी-20 लीग पर भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि इंडियन टी-20 लीग की टाइटल स्पाॅन्सर वीवो का करार इस वर्ष के लिए बीसीसीआई ने समाप्त कर दिया है। गौरतलब है कि वीवो एक चाइनीज स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी है, और इस वर्ष भारत सरकार ने चाइनीज कंपनियों की तरफ कड़ा रूख अपनाते हुए 59 चाइनीज एप्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर इंडियन टी-20 लीग की टाइटल स्पाॅन्सर वीवो को हटाने की मांग की थी, भारतीय दर्शकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी जिसके चलते, बीसीसीआई को इस वर्ष के लिए वीवो की स्पाॅन्सरशिप खत्म करनी पड़ी। अब कई भारतीय और अन्य कंपनियां इसके टाइटल स्पाॅन्सर बनने की दौड़ में शामिल हो गई है।
स्पाॅन्सरशिप के लिए कई कंपनियों के बीच होड है और बीसीसीआई ने इसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई है, जिन कंपनियों में इसके लिए रेस लगी है उनमें सबसे आगे है योग गुरू बाबा रामदेव की “पतंजली”, जी हां पतंजली एक पूर्णतया स्वदेशी कंपनी हैं, और टाइटल स्पाॅन्सरशिप के लिए पतंजली का नाम लोगों के जेहन में दूर-दूर तक नहीं था। बाबा रामदेव की कंपनी ने इस बात की पुष्टि भी की है, पतंजली के प्रवक्ता एसके तिजारावाल के अनुसार पतंजली इस बार इंडियन टी-20 लीग की टाइटल स्पाॅन्सरशिप लेने का विचार कर रही है। उन्होंने इसके पीछे वजह बताई कि इंडियन टी-20 लीग एक भारतीय घरेलू लीग है और लीग की स्पाॅन्सरशिप की वजह से पतंजली एक ग्लोबल ब्रांड बन जाएगा, वे पतंजली को विश्व मंच पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पतंजली की ओर से बीसीसीआई को प्रस्ताव भेजने की तैयारी चल रही है।
वहीं इस दौड़ में पतंजली के अलावा ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजॉन, एक फैंटसी स्पोर्ट्स कंपनी, टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर कंपनी और एक ऑनलाइन लर्निंग कंपनी बायजूज भी शामिल हैं।
बता दें कि टाइटल स्पाॅन्सरशिप इंडियन टी-20 लीग के राजस्व का अहम हिस्सा है, वीवो इसके लिए हर साल 440 करोड़ रूपये का भुगतान बीसीसीआई को करता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के चलते बाजार में आर्थिक मंदी है जिसके कारण नया स्पाॅन्सर शायद ही इतना भुगतान करे इसलिए राजस्व में इस वर्ष कुछ प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। बाजार एक्सपर्ट्स के अनुसार चीनी कंपनी के विकल्प तथा स्वदेशी ब्रांड के तौर पर पतंजली का दावा बहुत मजबूत है। वहीं एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि पतंजली में एक मल्टी नेशनल ब्रांड के तौर पर स्टार पावर की कमी है।