भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में शुमार राहुल द्रविड़ की बल्लेबाजी क्षमता पर शायद ही कोई सवालिया निशान उठा सकता है। उनके धैर्य और विकेट पर टिके रहने की जबरदस्त क्षमता के कारण ही उन्हें ‘दी वाॅल’ यानि ‘दीवार’ नाम दिया गया।
यूं तो द्रविड़ को ‘जैमी’, ‘मिस्टर डिपेंडेबल’ और ‘दी जेंटलमैन’ के नामों से भी जाना जाता है। ये नाम उन्हें उनकी भरोसेमंद बल्लेबाजी और मैदान पर अपने विनम्र व्यवहार के कारण दिए गए। जैमी नाम उन्हें इसलिए दिया गया क्योंकि उन्हें जैम बहुत पसंद है और उनके पिता भी जैम बनाने वाली कंपनी में काम करते थे।
11 जनवरी 1973 को इंदौर मध्यप्रदेश में जन्में, राहुल द्रविड़ ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरूआत 23 वर्ष की आयु में, इंग्लैण्ड के खिलाफ, क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले ‘लाॅर्ड्स’ के मैदान से की थी। इंग्लैण्ड के खिलाफ खेले गए इस टेस्ट मैच में द्रविड़ ने 95 रनों की पारी खेली थी और अपनी मजबूत बल्लेबाजी से सभी को परिचित करवा दिया था। हालांकि ये मैच सौरव गांगुली का भी डेब्यू टेस्ट था और उन्होंने इस मैच में शतक जड़ दिया था जिस वजह से द्रविड़ की पारी दब कर रह गई थी।
टेस्ट मैच
टेस्ट मैचों में द्रविड़ ने 164 मैचों की 286 पारियों में 13288 रन बनाए हैं, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैचों में उनके नाम सबसे ज्यादा गेंदे खेलने का रिकाॅर्ड है, उन्होंने टेस्ट मैचों में कुल 31,258 गेंदो का सामना किया और 736 घंटे क्रीज पर बिताए, जो कि एक वल्र्ड रिकाॅर्ड है। टेस्ट में बतौर फील्डर उन्होंने सबसे ज्यादा 210 कैच भी लपके हैं।
वे रक्षात्मक खेल के लिए मशहूर थे इसलिए उनकी शैली थोड़ी धीमी थी। वर्ष 2008 में भारतीय टीम आॅस्ट्रेलिया में सीरीज खेल रही थी, तब एक मैच में द्रविड़ ने 18 से 19वें रन पर पहुंचने के लिए 41 गेंदे खेली थीं। 41वीं गेंद पर रन लेते ही वहां बैठे दर्शकों ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाई और बदले में उन्होंने भी अपना बैट हवा में लहरा दिया।
वनडे मैच
344 वनडे मैचों में द्रविड़ ने 12 शतकों और 83 अर्धशतकों की मदद से 10889 रन बनाए और 153 उनका उच्चतम स्कोर रहा। लेकिन, आमतौर पर धीमी बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले राहुल द्रविड़ ने वनडे मैच में 22 गेंदो में अर्धशतक भी जड़ा है। द्रविड़ अभी भी भारत के लिए सबसे तेज फिफ्टी बनाने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं।
द्रविड़ ने भारत के लिए एक टी-20 मैच भी खेला है, इस मैच में उन्होंने 31 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी, जिसमें 3 छक्के शामिल थे।
मार्च 2012 में क्रिकेट को अलविदा कह चुके राहुल द्रविड़ भारतीय युवाओं को क्रिकेट की कोचिंग दे रहे हैं। भारतीय अंडर-19 टीम उनकी कोचिंग में एक विश्वकप अपने नाम कर चुकी है। वर्ष 2018 में आईसीसी के हाॅल आॅफ फेम में शामिल किए गए राहुल द्रविड़ वर्तमान में नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर हैं और भारतीय प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं।