भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन एक तस्वीर और विडियो सोशल मिडिया पर बहुत वायरल हुआ। जिसके बाद "बॉल टेंपरिंग" करने की चर्चा शुरू हो गई। दरअसल वायरल हुए विडियो में दिखाई दे रहा है कि इंग्लैंड के दो खिलाड़ियों द्वारा गेंद को अपने जूते से दबा रहे हैं।
भारत जब अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाजी कर रहा था तब 34वें ओवर के बाद जब सैम करन ने अपना ओवर खत्म किया तब टीवी स्क्रीन पर दिखाया गया कि इंग्लैंड के दो खिलाड़ी गेंद पर अपने जूते लगा रहे हैं। पहले एक खिलाड़ी ने अपने जूते से फुटबॉल की तरह गेंद को हल्का किक मारा इसके बाद दूसरे खिलाड़ी ने गेंद को अपने जूते के नीचे दबाया और उसे घिसा। खिलाड़ियों के जूतों के नीचे स्पाइक होते हैं जिससे गेंद खराब हो सकती है।
हालांकि उस समय ग्राउंड में मौजूद अंपायरों ने इस पर कोई एक्श नहीं लिया लेकिन कुछ खिलाड़ियों का मत है कि ऐसा जानबूझ कर किया गया है और यह बॉल टेंपरिंग है। सोशल मिडिया पर भी लोगों ने इसे बॉल टेंपरिंग करार दिया है। क्रिकेट जगत में भी पहले भी बॉल टेंपरिंग को लेकर बहुत से खिलाड़ी शर्मसार हो चुके हैं और सजा भुगत चुके हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे की बॉल टेंपरिंग क्या है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इसे लेकर क्या नियम बनाए हैं-
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक, गेंद से छेड़छाड़ लेवल-2 का अपराध है जिसमें खिलाड़ी पर 100 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगता है और साथ ही चार नकारात्मक अंक तक खिलाड़ी के हिस्से आ सकते हैं जो एक टेस्ट मैच के प्रतिबंध के लिए काफी हैं।
आईसीसी के अधिनियम 42 के सब सेक्शन 3 में बॉल टेंपरिंग को लेकर बताया गया है। इसमें बताया गया है कि मैच के दौरान खिलाड़ी गेंद में चमक लाने के लिए या अगर गेंद ओस या किसी कारण गिली हो गई है तो उसे पोछने के लिए तौलिये का इस्तेमाल कर सकता हैं लेकिन, अगर वह इसके लिए किसी कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल करता हैं तो वह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। तौलिए का इस्तेमाल भी अंपायर के देखरेख में होना चाहिए।
आईसीसी के नियम के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी गेंद को मैदान पर मिट्टी में रगड़ता है या किसी नुकीले सामान से गेंद को नुकसान पहुंचाता है तो इसे भी नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
इसके अलावा खिलाड़ी अक्सर लार से गेंद को चमकाते हुए देखे जाते हैं। खिलाड़ियों को ऐसा करने की अनुमति है लेकिन अगर कोई खिलाड़ी च्यूइंगम चबा रहा है और उसका इस्तेमाल गेंद पर करता है तो ये नियम तोड़ना माना जाएगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को अपने शरीर पर लगे वैसलीन या सनस्क्रीन को गेंद पर लगाने की अनुमति नहीं होती।
बॉल टेंपरिंग करने से गेंद में अधिक मूवमेंट होने लगती है और गेंदबाज को स्विंग प्राप्त होता है। इसलिए गेंदबाजी करने वाली टीम के खिलाड़ी गेंद से छेड़छाड़ कर उसे खराब करने की कोशिश करते हैं।
बॉल टेंपरिंग में दोषी पाए जाने पर क्या होता है?
मैदान पर अंपायर गेंद की स्थिति के लिए जिम्मेदार होते है। इसे नियमित रूप में जांचना अंपायर की जिम्मेदारी होती है, यदि अंपायर किसी खिलाड़ी को बॉल टेंपरिंग करते हुए पाते है तो अंपायर बल्लेबाजी पक्ष को पांच पेनल्टी रन दे सकते है और गेंद को तुरंत बदल सकते है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् के नियमों के मुताबिक गेंद से छेड़छाड़ करना आईसीसी के लेवल-2 अपराध के तहत आता है और इस लेवल के तहत बॉल टेंपरिंग का दोषी पाये जाने वाले खिलाड़ी पर 100 प्रतिशत मैच फ़ीस व एक मैच तक का प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यही नहीं खिलाड़ी पर एक वर्ष का प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।