HomeCricketक्या पोलार्ड वेस्टइंडीज़ की किस्मत चमका पाएंगे?

क्या पोलार्ड वेस्टइंडीज़ की किस्मत चमका पाएंगे?

एक समय था जब विश्व क्रिकेट में वेस्टइंडीज की धाक हुआ करती थी, और कोई टीम उन्हें चुनौती देने के बारे में सोचती तक नहीं थी। परंतु गुज़रते वक्त के साथ यह परिपाटी बदलती चली गयी। वर्तमान में वेस्टइंडियन क्रिकेट की हालत कुछ खास अच्छी नहीं है, और अक्सर वेस्टइंडीज़ की टीम को अपने से कई गुना कमज़ोर टीमों से हारते हुए देखा गया है।

अभी कुछ समय पूर्व ही भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच टी-20, वनडे, और टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली गयी थी। भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ को धूल चटाते हुए इन तीनों ही श्रृंखलाओं में जीत दर्ज की । इसके फलस्वरूप वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड़ ने वनडे के कप्तान जेसन होल्डर और टी-20 के कप्तान कार्लोस ब्रेथवेट को हटाकर इन दोनों ही फॉर्मेट की कप्तानी किरोन पोलार्ड को सौंप दी। 

किरोन पोलार्ड पिछले तीन साल से एकदिवसीय क्रिकेट से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने अपना आखिरी एकदिवसीय मुकाबला 2016 में खेला था। हालांकि भारत के खिलाफ खेली गयी टी-20 सीरीज में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। 

पोलार्ड ने वेस्टइंडीज़ के लिए कुल 104 वनडे, और 67 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले खेले हैं। अतः उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। शायद यही देखते हुए वेस्टइंडीज बोर्ड ने टीम की कमान उन्हें सौंपी है। पोलार्ड की विस्फोटक बल्लेबाज़ी से तो सभी वाकिफ हैं परंतु वे एक उम्दा गेंदबाज और लाजवाब क्षेत्ररक्षक भी हैं। उनकी यही खूबी उनको वनडे और टी-20 में और भी उपयोगी बनाती है। 

इतना ही नहीं उनको दुनियाभर की टी-20 लीगों में खेलने का भी अनुभव है, जो कि उनको खास बनाता है। वे वेस्टइंडीज़ के लिए दो विश्व कप भी खेल चुके हैं, अतः उनको दबाव में बढ़िया प्रदर्शन करने की कला आती है। इसके अलावा पोलार्ड अपनी घरेलू टी-20 लीग में बार्बाडोस की टीम की कप्तानी भी कर चुके हैं, और उनकी कप्तानी में टीम ने टूर्नामेंट में खिताबी जीत भी प्राप्त की थी। अतः उनके पास कप्तानी का अच्छा-खासा अनुभव भी है। ऐसे में मौजूदा समय में इस भूमिका को निभाने के लिए उनसे बेहतर कोई अन्य विकल्प हो ही नहीं सकता है। 

ऐसे में उनसे यही उम्मीद की जा सकती है कि वे वेस्टइंडीज़ की किस्मत के बंद ताले को पुनः खोल सकेंगे और अपनी टीम को पुनः जीत के मार्ग पर लौटाएंगे।

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