HomeCricket'कीवियों से नहीं लेंगे बदला'- विराट कोहली

‘कीवियों से नहीं लेंगे बदला’- विराट कोहली

भारतीय टीम ने शुक्रवार से शुरू होने जा रहे न्यूजीलैंड दौरे के लिए कमर कस ली है। भारत और न्यूजीलैंड की टीमें आखिरी बार विश्वकप-2019 के सेमीफाइनल में आमने-सामने हुई थी। इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराकर विश्वकप से बाहर कर दिया था और फाइनल में जगह बनाई थी। भारतीय क्रिकेट प्रशंसक उस हार को अभी तक नहीं भूले हैं और चाहते हैं कि विराट सेना इस दौरे पर उस हार का बदला ले।

24 जनवरी को खेले जाने वाले पहले टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर विराट कोहली मीडिया के सामने थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब विराट कोहली से सेमीफाइनल में मिली हार का बदला लेने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने अपने जवाब से सभी का दिल जीत लिया। 

कोहली ने कहा, ‘वास्तव में ऐसा नहीं है, अगर आप बदला लेने के बारे में सोचोगे भी, तो कीवी (न्यूजीलैंड के खिलाड़ी) इतने अच्छे हैं कि आप उस तरह से सोच ही नहीं पाओगे। सारा मामला मैदान पर कड़ी प्रतिस्पर्धा दिखाने का है, न्यूजीलैंड एक ऐसी टीम है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन उदाहरण स्थापित किया है। हम इस बात से खुश थे कि न्यूजीलैंड ने आईसीसी विश्वकप के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। जब आप हारते हैं तो आपको वास्तविकता स्वीकार करनी चाहिए और सुधार की कोशिश करनी चाहिए। इसलिए बदले जैसा कुछ भी नहीं है’।

न्यूजीलैंड को हल्के में नहीं लेंगे – कोहली

विराट कोहली ने कहा कि ‘यहां किसी तरह की बदले की बात नहीं है, यहां अच्छा क्रिकेट खेलने वाली दो टीमों के बीच मुकाबला है। न्यूजीलैंड को हराना काफी चुनौतीपूर्ण होगा और हमारी टीम इसके लिए पूरी तरह तैयार है’। उन्होंने आगे कहा कि ‘अपने देश में कीवी टीम निश्चित तौर पर प्रबल दावेदार है और उनके प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद भी हम उन्हें हल्के में लेने की गलती बिल्कुल भी नहीं करेंगे’। 

व्यस्त कार्यक्रम से हुए नाराज़

टीम इंडिया लगातार क्रिकेट खेल रही है, जनवरी महीने में पहले श्रीलंका फिर ऑस्ट्रेलिया से सीरीज खत्म होने के अगले ही दिन टीम न्यूजीलैंड के लिए रवाना हो गई थी। विराट ने कहा कि ‘क्रिकेटर अब उस स्थिति के करीब पहुंच रहे हैं, जब हम सीधे स्टेडियम में लैंड करेंगे और खेलना शुरू कर देंगे। कार्यक्रम इतना व्यस्त हो गया है और इतनी यात्रा करके अलग टाइम जोन वाले देश में आकर तुरंत ढल जाना आसान नहीं होता, जो भारतीय समय से साढ़े 7 घंटे आगे है। मुझे विश्वास है कि इन बातों को भविष्य में ध्यान में रखा जाएगा’।

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