इंडियन टी20 लीग शुरू होने में कुछ दिनों का समय शेष हैं और इस बार यह टूर्नामेंट यूएई में खेला जाएगा। कोरोना वायरस के कारण इस लीग को यूएई में आयोजित करवाने का फैसला बीसीसीआई ने लिया है। इस बार टूर्नामेंट में काफी कुछ बदलाव हमें देखने को मिलेंगे। जिनमें से सबसे बड़ा बदलाव है कि यह टूर्नामेंट भारत में आयोजित नहीं हो रहा है तो जाहिर तौर पर भारतीय दर्शक निराश होंगे की मैदान में वे इन रोमांचक मुकाबलों को नहीं देख पाएंगे।
इसके अलावा हो सकता है कि इस बार हमें मुंबई या चेन्नई, जो कि सबसे अधिक बार इस लीग के चैंपियन का खिताब हासिल कर चुकी हैं, के अलावा कोई नया चैंपियन देखने को मिल सकता है। मुंबई ने सबसे ज्यादा 4 बार इस खिताब को अपने नाम किया है, इस बार भी बेशक वे खिताब के प्रबल दावेदारों में से एक हैं, लेकिन फिर भी आइए जानते हैं कि वे कौनसे कारण हैं जिनकी वजह से मुंबई को विजेता बनने में मुश्किल आ सकती है-
अनुभवी स्पिनरों की कमी
मुंबई के पास दिग्गज खिलाड़ियों की कमी नहीं है, भारत के उपकप्तान और हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा उनकी टीम के कप्तान और सलामी बल्लेबाज हैं, इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्विंटन डी कॉक उनके शुरूआती क्रम को मजबूती प्रदान करेंगे। मध्यक्रम में क्रुणाल पांड्या, हार्दिक पांड्या और कीरोन पोलार्ड जैसे ऑलराउंडर हैं, इसके अलावा तेज गेंदबाजी की कमान संभालने के लिए जसप्रीत बुमराह होंगे। लेकिन इन सबके अलावा उनके पास एक विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज की कमी है। हांलाकि उनके पास राहुल चाहर और क्रुणाल पांड्या हैं लेकिन रेगुलर स्पिनर नहीं होने का खामियाजा मुंबई की टीम को भुगतना पड़ सकता क्योंकि सिर्फ तेज गेंदबाजी से काम नहीं चल सकता, बड़े मैदानों पर स्पिनरों की भूमिका अहम रहेगी।
रोहित शर्मा का यूएई में कप्तानी और बैटिंग रिकाॅर्ड
इसमें कोई संदेह नहीं कि रोहित शर्मा आज विश्व के सबसे दिग्गज बल्लेबाजों में शुमार हैं और सीमित ओवर क्रिकेट में उनके नाम कई बड़े रिकाॅर्ड भी दर्ज हैं और उनकी कप्तानी में मुंबई चार बार चैंपियन भी बन चुकी है। लेकिन साल 2014 में जब इंडियन टी20 लीग टूर्नामेंट के कुछ मैचों का आयोजन यूएई में किया गया था तब रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई एकमात्र ऐसी टीम थी जिसने वहां खेले अपने सभी 5 मुकाबले हारे थे। इसके अलावा उनका स्वयं का प्रदर्शन भी कोई खास नहीं रहा था और रोहित ने 5 मैचों में 16.8 की औसत से मात्र 84 रन बनाए थे। रोहित शर्मा स्पिन के खिलाफ थोड़ा कमजोर पड़ जाते हैं और यूएई की पिच स्पिनरों को सपोर्ट करती है, ऐसे में रोहित को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
तेज गेंदबाजी आक्रमण और पिछले प्रदर्शन का दबाव
तेज गेंदबाजी में संभवयतया उनके प्रमुख गेंदबाज श्रीलंका के लसिथ मंलिगा शुरूआती कुछ मैचों के लिए बाहर हो सकते हैं, ऐसे में तेज गेंदबाजी का सारा जिम्मा जसप्रीत बुमराह के कंधों पर होगा। उनके शेष तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट, धवल कुलकर्णी और मिचेल मैक्लेनेघन के पास इस लीग में खेलने की अनुभव की कमी है। साथ ही उनका स्पिन अटैक भी उतना मजबूत नहीं है।
इन सब के अलावा मुंबई की टीम वैकल्पिक वर्षों में चैंपियन बनती हैं वो भी सिर्फ विषम वर्षों में जैसे कि वे सबसे पहले 2013 में चैंपियन बने उसके बाद, 2015, 2017 और फिर 2019 इस प्रकार हर एक साल छोड़कर वे चैंपियन बने तो इस वर्ष भी मुंबई पर यह दबाव होगा कि वे सम वर्षों में या लगातार दो वर्षों तक अपने खिताब का बचाव किस प्रकार करे?