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सौरव गांगुली के इन फैसलों ने भारतीय क्रिकेट को पहुंचाया नए स्तर पर

सौरव गांगुली भारतीय टीम के पूर्व कप्तान थे। उन्होंने अपने आक्रामक खेल और आक्रामक कप्तानी से भारतीय क्रिकेट में नई जान डाली। सौरव गांगुली के कप्तान बनते ही भारतीय क्रिकेट में बहुत बदलाव आया और खेल को एक नया स्तर मिला। आइए जानते हैं सौरव गांगुली द्वारा लिए गए उन अहम फैसलों के बारे में जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा प्रदान की-

वीरेंद्र सहवाग से टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करवाना

हम सभी अच्छी तरह इस बात से वाकिफ हैं कि सहवाग एक विस्फोटक बल्लेबाज थे। सहवाग ने बतौर मिडिल र्डर बल्लेबाज अपने टेस्ट करियर का डेब्यू किया था और अपने पहले ही मैच में सैकड़ा जड़ दिया था। लेकिन क्रिकेट पंडितों ने सहवाग के लिए यह कहा था कि, वे टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे, लेकिन गांगुली ने अपनी कप्तानी में वीरेंद्र सहवाग को टेस्ट मैचों में ओपनिंग का काम सौंपा। इसके बाद से टेस्ट क्रिकेट का भी स्तर बदल गया वीरेंद्र सहवाग अपने उसी अंदाज में टेस्ट क्रिकेट में भी बल्लेबाजी की जिसके लिए उन्हें जाना जाता है। वीरेंद्र सहवाग भारत की तरफ से टेस्ट में तिहरा शतक जमाने वाले पहले खिलाड़ी बनें और उनका नाम सबसे तेज तिहरा शतक जड़ने का रिकाॅर्ड दर्ज है, सहवाग ने करियर में 6 दोहरे शतक और 2 तिहरे शतक जड़े।

राहुल द्रविड को एकदिवसीय मैचों में विकेट कीपर बनाना

भारत के पास एक ऐसे विकेट कीपर की कमी थी जो अच्छी बल्लेबाजी भी कर ले, इसलिए उन्होंने राहुल द्रविड को टीम में शामिल किया और उनके कीपिंग ग्लव्स थमा दिए। 2002 में उन्होंने कीपिंग संभाली और इस जिम्मेदारी को बखूबी से निभाया, उनके कीपर बनने से टीम को एक मजबूत बल्लेबाज भी मिला। टीम इंडिया को 2003 विश्व कप फाइनल तक पहुंचाने में द्रविड ने अहम योगदान दिया था। 

राहुल द्रविड़ ने 2003 विश्व कप में 11 मैचों की 10 पारी में 63.60 की औसत से 318 रन बनाए थे, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे। साल 2003 के विश्व कप में द्रविड़ ने नंबर 5 पर 6 मैचों में बल्लेबाजी की, 66.58 की औसत से 282 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे। इसके अलावा द्रविड़ ने विकेट के पीछे 15 कैच लपके थे और एक स्टंप किया था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में सचिन को गेंदबाजी सौंपना

2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ईडन गार्डन्स में खेले गए टेस्ट को ऐतिहासिक टेस्ट मैचों में गिना जाता है। क्योंकि इस मैच को भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए जीता था, किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत यह टेस्ट मैच जीत जाएगा। लक्ष्मण और राहुल द्रविड ने मैच में ऐतिहासिक पारियां खेलीं। इसी मैच में गांगुली ने सचिन तेंदुलकर से गेंदबाजी करवाई, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारतीय स्पिनर वेंकटपति राजू को खेलना जानते थे। ऐसे में उन्होंने सचिन को बाॅल थमा दी, और सचिन तेंदुलकर ने एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन को पवैलियन लौटा दिया। गेंदबाजी में यह बदलाव अहम साबित हुआ और भारत ने मैच में 171 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 

ashishsaini
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