आईसीसी ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में बड़ा बदलाव किया है। आईसीसी ने गुरूवार को पुष्टि की कि कोरोना महामारी के कारण विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के अंक प्रणाली में संशोधन किया जाएगा। आईसीसी के इस फैसले के तुरंत बाद ही मौजूदा अंक तालिका में भी बदलाव हो गया।
आईसीसी ने बताया है कि वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुँचने वाली टीमों के अंकों के प्रतिशत के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। इसका सीधा अर्थ यही है कि भारतीय टीम को नुकसान हुआ है।
प्रतिशत के आधार पर होगा संशोधन
नए समीकरण के अनुसार अब टीमों का फैसला उन्होंने जितने मैचों में हिस्सा लिया है, उनमें मिले अंकों के प्रतिशत के आधार पर होगा। बोर्ड ने अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति से इस आयोजन के लिए प्रतियोगिता की शर्तों को बदलने वाली सिफारिश को मंजूरी देते हुए ये फैसला लिया।
आईसीसी के इस फैसले से टीम इंडिया को झटका लगा है और टीम ने प्वॉइंट टेबल में अपनी पहले नंबर की पॉजिशन गंवा दी है और ऑस्ट्रेलिया अब पहले नंबर पर पहुंच चुकी है।
दरअसल आईसीसी ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप की रैंकिंग का आधार अब प्वॉइंट टेबल नहीं जीत के प्रतिशत को बनाया है। इसके हिसाब से जिस टीम का जीत प्रतिशत अधिक होगा, उसके रैंकिंग में ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाएगी। आईसीसी के इस नियम से ऑस्ट्रेलिया को फायदा हुआ है, जबकि भारत को नुकसान हुआ। आईसीसी की ओर से जारी नई रैंकिंग में टीम इंडिया दूसरे नंबर पर है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया का प्रतिशत 82.2 है जो भारत के 75 प्रतिशत से अधिक है। इस दौरान जो सीरीज कोरोना महामारी के दौरान नहीं हो सकी है उसे ड्रॉ मान लिया है।
जहां भारत ने कोरोना काल से पहले चार सीरीज खेली जहां उसका जीत का प्रतिशत 75 प्रतिशत था, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने तीन सीरीज खेलीं और इस दौरान ऑस्ट्रेलिया की जीत का प्रतिशत 82.2 था। इससे पहले टीम इंडिया 360 प्वॉइंट्स के साथ पहले नंबर पर थी और ऑस्ट्रेलिया के 296 प्वॉइंट्स थे। अन्य टीमों की बात की जाए तो इंग्लैंड 292 प्वॉइंट्स और 60.8 प्रतिशत जीत के साथ इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। कीवी टीम ने इस लिस्ट में 180 प्वॉइंट्स और 50 प्रतिशत जीत के साथ चौथे नंबर पर है।
इनके बाद पाकिस्तान (39.5), श्रीलंका (33.3), वेस्टइंडीज (16.7), दक्षिण अफ्रीका (10) प्रतिशत के साथ क्रमशः पांचवें, छठे, सातवें, आठवें स्थान पर है।