टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का सबसे कठिन प्रारूप माना जाता है। क्योंकि इसमें खिलाड़ियों की कड़ी परीक्षा होती है, शायद इसलिए इसे 'टेस्ट' क्रिकेट कहा गया है। टेस्ट क्रिकेट में धैर्य और दृढ़ संकल्प की जरूरत होती है। इसलिए जो बल्लेबाज तकनीकी और रक्षात्मक रूप से मजबूत होता है वह लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलता है।
सर डॉन ब्रेडमैन, राहुल द्रविड़, रिकी पोटिंग, कुमार संगकारा, ब्रायन लारा ऐसे ही क्रिकेट दिग्गजों के उदाहरण है और यह लिस्ट काफी लंबी है। ये सभी टेस्ट क्रिकेट के महान बल्लेबाज रह चुके हैं। इनकी तकनीक इतनी मजबूत थी कि गेंदबाजों को इन्हें आउट करने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ता था। इस आर्टिकल में हम आपको वर्तमान क्रिकेट के ऐसे ही 5 बल्लेबाजों को बारे में बता रहे हैं जो अपनी मजबूत तकनीक और डिफेंस के कारण पिच पर डटे रहते हैं-
5. क्रैग ब्रैथवेट-
ब्रैथवेट वेस्टइंडीज के खिलाड़ी हैं और वेस्टइंडीज के अधिकांश खिलाड़ियों को लंबे-लंबे छक्के लगाने के लिए जाता है। लेकिन क्रैग ब्रैथवेट की तकनीक थोड़ी अलग है, वे पिच पर आक्रामक रूख अपनाने के बजाय धैर्य रखना पसंद करते हैं। हालांकि ब्रैथवेट ने अपने करियर में कोई भी टी20 मुकाबला नहीं खेला है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी शैली काफी मजबूत है। ब्रैथवेट की तुलना वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपॉल से होती है। वे वेस्टइंडीज की टेस्ट क्रिकेट टीम के प्रमुख खिलाड़ी हैं। 28 वर्षीय ब्रैथवेट ने 68 टेस्ट मैचों में 9 शतक व 21 अर्धशतकों की मदद से 4113 रन बनाए हैं। इस वर्ष मार्च में ब्रेथवेट को वेस्टइंडीज टेस्ट टीम का कप्तान भी नियुक्त किया गया था।
4. स्टीव स्मिथ-
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रह चुके स्टीव स्मिथ को वर्ष 2018 में बॉल टैंपरिंग के मामले में दोषी पाए जाने पर कप्तानी से हटा दिया था साथ ही उन पर एक साल का प्रतिबंध भी लगा दिया था। लेकिन इसके बाद भी वे वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं। 2010 में टेस्ट डेब्यू करने वाले स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में खुद को स्थापित किया। स्टीव स्मिथ अपने अनोखे बैटिंग स्टांस के लिए जाने जाते हैं। साथ ही उनका क्रीज पर खड़े होने का अंदाज भी बाकी बल्लेबाजों से काफी अलग है। लेकिन इसके बाद भी उनकी तकनीक और डिफेंस काफी मजबूत है।
2018 में प्रतिबंध के बाद 2019 में एशेज सीरीज में स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी की थी। उस सीरीज में स्टीव स्मिथ ने 110.57 के बेहतरीन औसत से कुल 774 रन बनाए थे। स्मिथ ने अब तक 77 टेस्ट मैचों में 61.80 की औसत एवं 27 शतकों व 31 अर्धशतकों की मदद से 7540 रन बनाए हैं।
3. केन विलियमसन-
न्यूजीलैंड टीम के प्रमुख स्तंभ और कप्तान केन विलियमसन वर्तमान में दुनिया के सबसे बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटरों में शुमार हैं। वे एक कुशल खिलाड़ी तो हैं ही साथ ही वे न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। उनकी कप्तानी में न्यूजीलैंड पहली बार वनडे विश्वकप के फाइनल में पहुंचा था यही नहीं विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी न्यूजीलैंड उनकी कप्तानी में ही खेलेगा। केन विलियमसन आक्रामक शॉट खेलने के बजाय डिफेंसिव खेलना पसंद करते हैं। उनकी तकनीक इतनी मजबूत है कि वे आसानी से गैप में खेलकर रन बटोर लेते हैं। कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में विलियमसन लोहा मनवा चुके हैं। वे इस समय विश्व के नंबर-1 टेस्ट बल्लेबाज हैं, यदि उनकी नजरें एक बार पिच पर टिक गई तो गेंदबाजों के लिए उन्हें आउट करना बहुत मुश्किल होता है।
30 वर्षीय विलियमसन ने 83 टेस्ट मैचों में 54.31 की औसत से एवं 24 शतकों एवं 32 अर्धशतकों की मदद से 7115 रन बनाए हैं। पिछले कुछ महीनों में ही उनके बल्ले से 251 और 238 रन की दो बेहतरीन पारियां आई हैं।
2. दिमुथ करूणारत्ने-
दिमुथ करूणारत्ने लंबे समय से श्रीलंका क्रिकेट टीम के प्रमुख स्तंभ हैं। लेकिन यदि श्रीलंका क्रिकेट टीम के हालिया प्रदर्शन की बात की जाए तो टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। जयवर्धने और संगकारा के रिटायरमेंट के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट के प्रदर्शन में काफी गिरावट आई। लेकिन दिमुथ करूणारत्ने इस बीच एक बेहतरीन खिलाड़ी बनकर उभरे। वे श्रीलंकाई क्रिकेट को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने श्रीलंकाई टीम का नेतृत्व भी कुशलता से किया है। कप्तानी के बाद उनके प्रदर्शन में और भी निखार आया है। दिमुथ करूणारत्ने भी तकनीकी रूप से काफी सक्षम हैं और एक बार नजरें जमा लेने के बाद गेंदबाजों को उन्हें आउट करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में करुणारत्ने ने तीन पारियों में दो शतकों की बदौलत 428 रन बनाए थे। पल्लेकल में हुए पहले टेस्ट में करुणारत्ने ने 244 रनों की शानदार पारी खेली थी, जो टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। 33 साल के करुणारत्ने ने अब तक 72 टेस्ट मैचों में 5176 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 26 अर्धशतक शामिल रहे।
1. चेतेश्वर पुजारा-
चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया की "दीवार" माना जाता है। टेस्ट क्रिकेट में पुजारा धैर्य और दृढ़ संकल्प की एक मिसाल हैं। उनकी मजबूत तकनीक और डिफेंस को भेदना किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के आसान नहीं है। 2021-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की उसमें चेतेश्वर पुजारा का भी बड़ा योगदान रहा। ऑस्ट्रेलिया दौरे में पुजारा ने अटूट धैर्य और साहस का परिचय दिया था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों द्वारा उनकी बॉडी लाइन पर गेंदबाजी की गई जिससे उन्हें कई बार चोट भी लगी लेकिन वह क्रीज पर जमे रहे। सिडनी टेस्ट की पहली और दूसरी पारी में पुजारा ने क्रमशः 50 और 77 रन बनाए वहीं ब्रिस्बेन में उन्होंने दूसरी पारी में महत्वपूर्ण 56 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा ने 85 टेस्ट मैचों में 46.59 की औसत से 6244 रन बनाए हैं। जिसमें 18 शतक और 29 अर्धशतक शामिल हैं।