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इंडियन टी20 लीग के अंडररेटेड प्लेयर्स

क्रिकेट जगत में इंडियन टी20 लीग इस खेल का सबसे बड़ा घरेलू टूर्नामेंट है। इस लीग को पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रशंसकों द्वारा सराहा गया है। इंडियन टी20 लीग एक ऐसा मंच है जिसने भारतीय प्रतिभाओं को तो निखारा ही है साथ ही ये मंच विदेशी खिलाड़ियों को भी अवसर प्रदान करता है। यही कारण है कि दुनिया भर से बड़े-बड़े क्रिकेटर इस लीग में हिस्सा लेते हैं।

क्रिस गेल, एबी डिविलियर्स, राशिद खान, विराट कोहली ऐसे बड़े खिलाड़ी हैं जो इस लीग में तब से ही जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं जब से उन्होंने इस लीग में खेलना शुरू किया है। हालांकि ये सभी क्रिकेट की दुनिया के जाने-पहचाने और प्रतिष्ठित चेहरे हैं। कुछ ऐसे खिलाड़ियों को भी हमने इस लीग में देखा जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं। इन्हें हम इस लीग के "अंडररेटेड" खिलाड़ी भी कह सकते हैं-

5. शॉन मार्श-

इंडियन टी20 लीग के सबसे पहले सीजन को 2008 में आयोजित किया गया था। इसके भव्य आयोजन ने दुनियाभर का ध्यान इस लीग ने अपनी ओर खींचा और इसका पहला सीजन सुपरहिट रहा। पहले सीजन में सभी टीमों में भारतीय और विदेशी दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे। सभी प्रशंसकों का ध्यान इन दिग्गज खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर था। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज शॉन मार्श पर किसी का ध्यान नहीं था। लेकिन शॉन मार्श ने इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन में ऐसा प्रदर्शन किया जिससे उन्हें विश्व क्रिकेट में नई पहचान मिली।

पंजाब की ओर से खेलते हुए इस खिलाड़ी ने 11 मैचों में 68.44 की शानदार औसत से उस सीजन में 616 रन बनाए थे उनका स्ट्राइक रेट भी 140 के आसपास था। उन्होंने पहले सीजन में 1 शतक और 5 अर्धशतक भी जड़े थे। पहले सीजन में ऑरेंज कैप अपने नाम करने वाले शॉन मार्श ने इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

4. स्वप्निल असनोदकर

इंडियन टी20 लीग ने हमेशा युवा भारतीय प्रतिभाओं को मौका दिया है। 2008 के पहले सीजन में इंडियन टी20 लीग में सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न जैसे बड़े नाम थे। इन नामों के बीच अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचना आसान काम नहीं था। इंडियन टी20 लीग का सबसे पहला खिताब राजस्थान ने अपने नाम कर इतिहास रच दिया था। उस समय राजस्थान की टीम को सबसे कमजोर माना जा रहा था। क्योंकि टीम में कप्तान शेन वॉर्न के अलावा कोई भी बड़ा नाम नहीं था। लेकिन वॉर्न ने अपनी युवा टीम का शानदार नेतृत्व किया और राजस्थान को चैंपियन भी बनाया। हालांकि पहली जीत का श्रेय शेन वॉर्न के अलावा युसुफ पठान और शेन वॉटसन जैसे खिलाड़ियों को दिया जाता है।

लेकिन असनदोकर का प्रदर्शन भी शानदार था और उनके योगदान को कमतर आंका जाता है। पहले सीजन में राजस्थान के ओपनर की भूमिका निभाने वाले असनोदकर ने 9 मैचों में 34.55 की औसत से 311 रन बनाए थे उनका स्ट्राइक रेट 133.47 का था। गोवा के इस खिलाड़ी ने दबाव में कई परिपक्व पारियां खेलीं और राजस्थान को चैंपियन बनाने में योगदान दिया। लेकिन उन्हें अन्य खिलाड़ियों की तुलना में कमतर ही आंका गया।

3. पॉल वल्थाटी-

इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन में पंजाब ने शानदार प्रदर्शन किया था और दूसरे नंबर पर रही थी। लेकिन इसके बाद पंजाब अपने प्रदर्शन को जारी नहीं रख पाई। पंजाब के बड़े खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में वर्ष 2011 के सीजन में पंजाब के एक भारतीय खिलाड़ी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। 13 अप्रैल 2011 को चेन्नई के खिलाफ हुए एक मैच में चेन्नई ने पंजाब को 189 रन का लक्ष्य दिया। पंजाब के ओपनर पॉल वल्थाटी ने उस मैच में 63 गेंदो पर 120 रन की नाबाद पारी खेलते हुए अपनी टीम को जीत दिला दी। इस पारी की बदौलत वल्थाटी ने सुर्खियां बटोरी, उन्होंने इस पारी के दौरान 19 चौके लगाए जो कि अभी भी एक रिकॉर्ड है हालांकि एबी डिविलियर्स भी एक पारी में 19 चौके लगा चुके हैं। 2011 से पहले वल्थाटी 2009 में राजस्थान की ओर से खेले थे लेकिन तब उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले।

2011 में उन्होंने 14 मैचों में 463 रन बनाए। लेकिन इसके बाद उनके बल्ले से ऐसी पारियां दुबारा नहीं आई।

2. अंबाती रायडु

दो वर्षों के प्रतिबंध के बाद 2018 में राजस्थान और चेन्नई इंडियन टी20 लीग में फिर से वापसी कर रही थी। चेन्नई इस टूर्नामेंट की सबसे पंसदीदा टीमों में से एक हैं और उन्हें वापसी करते हुए देखने के लिए चेन्नई के प्रशंसक काफी रोमांचित थे। ऐसे में सभी का ध्यान रैना और धोनी जैसे बड़े खिलाड़ियों पर था। लेकिन इस साल चेन्नई के लिए सुपरहिट बल्लेबाज साबित हुए अंबाती रायडू। हालांकि रायडू इंडियन टी20 लीग में 2010 से लगातार खेल रहे हैं लेकिन उन्हें वो प्रतिष्ठा हासिल नहीं हुई।

वे चेन्नई के मध्यक्रम के मजबूत स्तंभ हैं। 2018 में चेन्नई की ओर से खेलते हुए उन्होंने 16 मैचों में 602 रन ठोके। इस सीजन में उन्होंने 1 शतक एवं 3 अर्धशतक लगाए। वे चेन्नई की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। उनके इस प्रदर्शन की बदौलत 2018 में चेन्नई ने अपना तीसरा खिताब भी जीता।

1. हर्षल पटेल-

गुजरात के मध्य गति के गेंदबाज हर्षल पटेल ने 2012 में इंडियन टी20 लीग में अपना डेब्यू किया था। उन्होंने अपना पहला सीजन बैंगलोर की ओर से खेला था। पहले सीजन में उन्होंने 12 मैचों में 9 विकेट अपने नाम किए थे। 2013 में वे नजर नहीं आए और 2014 में 3 मैच खेल पाए। 2015 में उन्होंने 15 मैचों में 17 विकेट लिए। लेकिन इसके बाद उन्होंने कभी निरंतर इतने मौके नहीं मिले। इसलिए इस खिलाड़ी को प्रसिद्धि हासिल नहीं हो पाई। पिछले सीजन में वे दिल्ली की ओर से खेले थे लेकिन इस साल उन्हें बैंगलोर ने फिर से अपनी टीम में शामिल कर लिया। 2021 में उन्होंने अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरी, इस सीजन में पटेल 7 मैच खेल चुके हैं और 17 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। मुंबई के खिलाफ एक मैच में उन्होंने 5 विकेट झटके और मुंबई के खिलाफ ऐसा कारनामा करने वाले वे पहले गेंदबाज बने। वे इस सीजन के पर्पल कैप होल्डर हैं।

ashishsaini
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