इस बार का इंडियन टी20 लीग सीजन बेहद खास रहा, इस सीजन में कई बदलाव हमने देखे। कोरोना वायरस महामारी के कारण 13वां सीजन काफी देरी से शुरू हुआ, महामारी के कारण ही इस वर्ष लीग को भारत से बाहर बिना दर्शकों के आयोजित करवाया गया। लेकिन बीसीसीआई ने इस लीग का सफलता पूर्वक आयोजन करवाया।
इस सीजन में हमने कई बड़े उलटफेर देखे जैसे कि चेन्नई का प्लेऑफ तक नहीं पहुंचना और दिल्ली का पहली बार फाइनल खेलना, ये दो बातें इंडियन टी20 लीग इतिहास में पहली बार हुआ। इस बार भी कुछ नए खिलाड़ियों ने लीग में अपना जलवा बिखेरा और कुछ दिग्गज पूरी तरह फ्लाॅप रहे। इस लेख में इंडियन टी20 लीग के कुछ ऐसे ही दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में बताया जा रहा है जो इस सीजन में कमाल नहीं दिखा पाए-
ग्लेन मैक्सवेल
पंजाब ने जब ग्लेन मैक्सवेल को अपनी टीम में शामिल किया था, तो उन्हें उम्मीद थी कि वो अपने धमाकेदार ऑलराउंडर प्रदर्शन से टीम को पहली बार खिताब जीतने में मदद करेंगे। लेकिन मैक्सवेल इस सीजन में पूरी तरह फ्लाॅप रहे और उन्होंने काफी निराश किया और इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे इस सीजन एक भी छक्का नहीं लगा पाए। मैक्सवेल ने 13 मैचों में 101.88 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 108 रन बनाए और गेंद के साथ उन्होंने 8.04 की इकॉनमी रेट से सिर्फ 3 विकेट लिए। मैक्सवेल को पंजाब टीम ने लगातार मौके दिए, लेकिन वो खुद को साबित करने में नाकाम रहे।
आंद्रे रसैल-
इंडियन टी20 लीग-2019 में धूम मचाने वाले और कोलकाता को अपने दम पर कई मैच जिताने वाले आंद्रे रसेल इस साल पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए। रसेल ने इस सीजन खेले 10 मैचों में 13.00 की औसत से सिर्फ 117 रन बनाए और गेंद के साथ वो 9.72 की इकॉनमी रेट से सिर्फ 6 विकेट हासिल कर पाए। उनका उच्च स्कोर केवल 25 रन रहा। खराब फॉर्म के साथ उनकी फिटनेस ने भी कोलकाता को परेशानी में डाला। कोलकाता के प्लेऑफ में नहीं पहुंचने का एक कारण रसेल का खराब प्रदर्शन भी रहा।
स्टीव स्मिथ-
राजस्थान के कप्तान स्टीव स्मिथ ने इस सीजन की शुरुआत धमाकेदार तरीके से की थी और पहले दो मैचों में शानदार अर्धशतक भी लगाए। हालांकि इसके बाद बतौर कप्तान और एक बल्लेबाज उनका प्रदर्शन काफी खराब रहा। स्मिथ ने इस सीजन 14 मैचों में 25.91 की औसत और 131.22 के स्ट्राइक रेट से 311 रन बनाए। स्मिथ ने इस सीजन 3 अर्धशतक लगाए और उनका सर्वाधिक स्कोर 69 रन रहा। इसके अलावा बतौर कप्तान जो उन्होंने फैसले लिए वो काफी हैरान करने वाले थे, उनकी कप्तानी काफी साधरण नजर आई। वे उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए और उनकी टीम इस वर्ष सबसे निचले पायदान पर रही।
एरोन फिंच-
इस वर्ष की नीलामी में बैंगलोर ने एरोन फिंच को 4.40 करोड़ रुपये में खरीदा था और बैंगलोर को उम्मीद थी कि फिंच के अनुभव से टीम को काफी फायदा होगा। हालांकि एरोन फिंच ने अपने प्रदर्शन से पूरी तरह निराश किया और इसी वजह से टीम ने उन्हें आखिरी के कुछ लीग मैचों से बाहर भी कर दिया था। फिंच ने इस साल खेले 12 मुकाबलों में 22.33 की औसत और 111.20 के स्ट्राइक रेट से 268 रन बनाए। इस बीच उन्होंने सिर्फ एक अर्धशतक लगाया और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 52 रहा। हालांकि उनका ये प्रदर्शन पिछले सीजन की तुलना में बेहतर था।
महेंद्र सिंह धोनी-
इंडियन टी20 लीग के लोकप्रिय खिलाड़ियों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी ने इंडियन टी20 लीग से पहले ऐलान किया था कि वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं। इसके बाद उनके असंख्य प्रशंसकों को उम्मीद थी कि धोनी लीग में शानदार प्रदर्शन करते हुए क्रिकेट प्रेमियों को बड़ा तोहफा देंगे। हालांकि इस सीजन ऐसा कुछ नहीं हुआ और इंडियन टी20 लीग का 13वां सीजन धोनी के करियर का सबसे खराब सीजन रहा। धोनी ने इस सीजन में 25.00 की औसत से सिर्फ 200 रन बनाए, जिसमें एक भी अर्धशतक शामिल नहीं था। इसके अलावा यह पहला मौका था जब धोनी की कप्तानी में चेन्नई की टीम प्लेऑफ में नहीं पहुंच पाई।