क्रिकेट का कोई भी फॉर्मेट हो हर फॉर्मेट में किसी भी टीम में एक ऑलराउंडर सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी होता है। एक ऑलराउंडर खिलाड़ी टीम को संतुलन प्रदान करता है। बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्षमता के साथ ऑलराउंडर टीम को अतिरिक्त विकल्प प्रदान करता है। टी20 क्रिकेट में ऑलराउंडर खिलाड़ी की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है।
इंडियन टी20 लीग के 13 सीजन खेले जा चुके हैं और इन सीजन में हमनें कुछ बेहतरीन ऑलराउंडर्स देखे हैं। इंडियन टी20 लीग चैंपियन रह चुकी टीमों में ऑलराउंडर्स ने अपनी टीमों को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई है। इंडियन टी20 लीग का 14वां सीजन शुरू होने जा रहा है। इस सीजन में भी ऑलराउंडर्स का अहम रोल होगा।
आइए जानते हैं कि इंडियन टी20 लीग में टॉप ऑलराउंडर्स कौन हैं-
कीरोन पोलार्ड-
वेस्टइंडीज के कीरोन पोलार्ड इंडियन टी20 लीग में मुंबई टीम के खिलाड़ी हैं। 2010 में उन्हें सबसे पहली बार मुंबई ने खरीदा था उसके बाद से कीरोन पोलार्ड केवल मुंबई टीम के ही सदस्य रहे हैं। वे मुंबई टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से हैं और मुंबई को पांच बार चौंपियन बनाने में उनका भी बहुत योगदान है। मुंबई के लिए उन्होंने कई बार कमाल की पारियां खेली हैं और अहम मौकों पर विकेट चटकाए हैं। 164 मैचों में, उन्होंने 29.93 के औसत के साथ 3023 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 149.87 रहा है। इसके अलावा उन्होंने 60 विकेट भी चटकाए हैं। हालांकि फिटनेस के चलते उन्होंने पिछले सीजन में ज्यादा गेंदबाजी नहीं की थी। लेकिन इस सीजन में पोलार्ड अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से मुंबई को फिर से चैंपियन बना सकते हैं।
ड्वेन ब्रावो-
वेस्टइंडीज के ही एक और खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो इंडियन टी20 लीग में जाना-पहचाना नाम है। 2008 में वे सबसे प्रभावी विदेशी खिलाड़ी थे। उन्होंने इंडियन टी20 लीग के पहले तीन सीजन मुंबई टीम की ओर से खेले थे। लेकिन 2011 में उन्हें चेन्नई ने अपने खेमे में शामिल कर लिया। चेन्नई के कप्तान धोनी ने उनका सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया, चेन्नई टीम में ब्रावो ने बॉलिंग ऑलराउंडर की भूमिका निभाई। वेस्टइंडीज टीम में भी ड्वेन ब्रावो की भूमिका मैच फिनिशर की थी। वहीं गेंदबाजी में भी उन्होंने काफी प्रभावित किया। उन्होंने धीमी और तेज गेंदबाजी में वेरिएशन लाकर बल्लेबाजों को परेशान किया। डेथ ओवर्स में उनकी गेंदबाजी काफी उम्दा रही। ब्रावो ने इंडियन टी20 लीग के दो सीजन 2013 और 2015 में पर्पल कैप भी जीती थी दोनों बार चेन्नई टीम फाइनल में पहुंची थी। ब्रावो ने इंडियन टी20 लीग में 40 मैच खेले हैं। उन्होंने 128.22 की स्ट्राइक रेट के साथ 1490 रन बनाए हैं। उन्होंने 153 विकेट भी लिए हैं। जब चेन्नई को दो सत्रों के लिए प्रतिबंधित किया गया था, तब उन्होंने गुजरात का भी प्रतिनिधित्व किया था।
शेन वाटसन-
शेन वाटसन इंडियन टी20 लीग के पहले स्टार ऑलराउंडर थे। इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन यानि 2008 में राजस्थान टीम के सदस्य थे। उस सीजन में राजस्थान को सबसे कमजोर टीम समझा जा रहा था। लेकिन टीम ने यह टूर्नामेंट जीतकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। राजस्थान को चैंपियन बनाने में शेन वाटसन का भी बड़ा हाथ था। उस सीजन में शेन वाटसन ने 472 रन बनाए थे और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे स्थान पर रहे थे। वहीं गेंदबाजी में भी उनका प्रदर्शन कमाल का रहा था और उन्होंने 17 विकेट भी चटकाए इस मामले में भी वे चौथे स्थान पर थे। इसी प्रदर्शन के दम पर वे ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम में बतौर ऑलराउंडर स्थापित हो गए। वे 2015 तक राजस्थान से जुड़े रहे इसके बाद वे बैंगलोर में चले गए। 2018 में उन्हे चेन्नई ने खरीदा, चेन्नई की टीम में उन्होंने सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई। 2018 में उन्होंने दो शतकों की मदद से 555 रन बनाए। इंडियन टी20 लीग में उन्होंने 31 की औसत से 3874 रन बनाए एवं 7.9 की इकॉनमी दर से 92 विकेट भी चटकाए।
रविंद्र जडेजा –
जडेजा 2008 में भारत की अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। इसी वर्ष हुए इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन में राजस्थान ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। राजस्थान की टीम में उस समय शेन वॉर्न को छोड़कर कोई स्टार खिलाड़ी नहीं था। लेकिन शेन वॉर्न के नेतृत्व में जडेजा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उन्हें वॉन ने उन्हें ‘रॉकस्टार‘ नाम दिया। उन्होंने गेंद और बल्ले से अपनी टीम के लिए योगदान दिया। 2011 में जडेजा को कोच्ची ने खरीदा लेकिन 2012 में वे चेन्नई टीम के सदस्य बने और जब से लेकर अब तक वे चेन्नई के सदस्य हैं। चेन्नई टीम पर प्रतिबंध लगने के बाद वे गुजरात टीम की तरफ से खेले। वे टीम इंडिया के भी प्रमुख खिलाड़ी हैं। इस स्टार ऑलराउंडर ने इंडियन टी20 लीग में 184 मैच खेले हैं, 2159 रन बनाए हैं और 7.67 की इकॉनमी से 114 विकेट भी चटकाए हैं।
हार्दिक पांड्या-
हार्दिक पांड्या उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने इंडियन टी20 लीग में प्रदर्शन के दम पर राष्ट्रीय टीम में खुद को स्थापित किया है। वे उदाहरण हैं कि किस तरह इंडियन टी20 लीग युवाओं के करियर को निखारने का एक बेहतरीन मंच है। बडौदा के ऑलराउंडर को 2015 में सबसे पहली बार मुंबई टीम ने मौका दिया। उसके बाद से वे मुंबई टीम के ही सदस्य हैं। हर वर्ष उनका प्रदर्शन और बेहतर होता रहा है और वे टीम इंडिया के भी स्टार खिलाड़ी हैं। 2015 में चेन्नई के खिलाफ हुए एक मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई के हार्दिक पांड्या ने 8 गेंदो में 21 रन बनाए थे और टीम को जीत दिलाई थी। यहीं से पांड्या ने सुर्खियां बटोरी, उन्होंने इस सीजन में कोलकाता के खिलाफ 61 रन पारी खेलकर ये साबित किया कि उनमें बड़े हिट लगाने की क्षमता है और वे किसी भी क्रम पर आकर धुंआधार बल्लेबाजी कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने अहम मौकों पर विकेट निकालकर टीम के लिए बेहतरीन काम किया है। हार्दिक पांड्या ने इंडियन टी20 लीग के 80 मैचों में 1349 रन बनाए हैं वहीं इन मैचों में उन्होंने 9.06 की इकॉनमी से 42 विकेट भी लिए हैं।