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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सितारे जो इंडियन टी20 लीग में हुए फ्लॉप

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Cricket / Feb 22 2021 / By : Ashish saini

क्रिकेट जगत की सबसे प्रतिष्ठित लीग माने जाने वाली इंडियन टी20 लीग के 13 सीजन सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं। इंडियन टी20 लीग में क्रिकेट की लोकप्रियता में चार चांद लगा दिए। इंडियन टी20 लीग ने देश के प्रतिभावान युवाओं को ऐसा मंच प्रदान किया है जहां वे अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर सकते हैं। इस लीग में भारतीय खिलाड़ियों के साथ-साथ विदेशी खिलाड़ियों को भी खेलने का मौका दिया जाता है।

वर्तमान में भारत की राष्ट्रीय टीम में खेल रहे कई खिलाड़ी इंडियन टी20 लीग की ही देन है। इन खिलाड़ियों ने इंडियन टी20 लीग में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया में जगह बनाई। जसप्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, हार्दिक पांड्या, युजवेंद्र चहल ये सभी ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंडियन टी20 लीग में अपनी टीमों की तरफ से असाधारण प्रदर्शन किया और आज भारतीय क्रिकेट टीम के अभिन्न अंग है। 

लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिनके लिए स्थितियां विपरीत रही। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत के कुछ सितारे ऐसे भी रहे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए लेकिन इंडियन टी20 लीग में छाप नहीं छोड़ पाए। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही दिग्गजों के बारे में-


युवराज सिंह-

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं है। युवराज सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत में खूब नाम कमाया। टीम इंडिया को 2007 का टी20 विश्व कप और 2011 का विश्व कप जिताने में उनका अहम योगदान रहा था। 2007 टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने एक ओवर में 6 छक्के लगाने का कारनामा किया था। वहीं 2011 विश्व कप में वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे। 2000 में अपने एकदिवसीय क्रिकेट करियर की शुरूआत करने वाले युवराज सिंह ने 304 वनडे में 36.56 की औसत से 8701 रन बनाए। 58 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 1177 रन बनाए। इसके अलावा लेग स्पिनर के तौर पर उन्होंने वनडे में 111 और टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 28 विकेट हासिल किए। 

लेकिन युवराज सिंह इंडियन टी20 लीग में अपना जलवा नहीं बिखेर पाए। फ्रेंचाइजियों द्वारा मोटी रकम हासिल करने के बावजूद, उन्होंने वांछित परिणाम नहीं दिए। उन्होंने पंजाब की ओर से इंडियन टी20 लीग करियर की शुरूआत की, उसके बाद उन्होंने पुणे, बैंगलोर, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई का भी प्रतिनिधित्व किया। युवराज ने 132 इंडियन टी20 लीग मैचों में 24.77 की औसत और 129.71 की स्ट्राइक रेट के साथ केवल 2750 रन बनाए। उन्होंने 29.91 की औसत और 7.43 की इकॉनमी के साथ 36 विकेट भी लिए।


रिकी पोंटिंग-

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी की गिनती दुनिया के महान बल्लेबाजों में होती है। बल्लेबाजी में झंडे गाड़ने के साथ-साथ पोंटिंग ऑस्ट्रेलिया के बेहद सफल कप्तान भी रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनकी कप्तानी में 2003 और 2007 क्रिकेट विश्वकप जीता व ऑस्ट्रेलिया की टीम कई वर्षों तक टेस्ट व वनडे मैचों में नंबर एक पर रही। 

लेकिन इंडियन टी20 लीग में खिलाड़ी के तौर पर उन्होंने कोलकाता और मुंबई टीमों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कुल 10 मैच खेले लेकिन इन मैचों में उनके बल्ले से 10.11 की औसत से केवल 91 रन निकले। 2013 में उन्हें मुंबई की कप्तानी सौंपी गई लेकिन शुरूआती मैचों की असफलता के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी और उसके बाद रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने कई खिताब जीते। रिटायर होने के बाद उन्होंने कोचिंग का कार्यभार संभाला। उनके प्रशिक्षण के अंतगर्त मुंबई ने अच्छा खेल दिखाया और अब दिल्ली भी अच्छा खेल रही है। 


माइकल क्लार्क-

ऑस्ट्रेलिया के दाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज रह चुके माइकल क्लार्क ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने 115 टेस्ट मैचों और 245 एकदिवसीय मैचों में क्रमशः 8643 और 7981 रन बनाए। इसके अलावा उन्होंने क्रिकेट के इन प्रारूपों में क्रमशः 31 और 57 विकेट भी हासिल किए। लेकिन इंडियन टी20 लीग में वे अपने प्रदर्शन से छाप छोड़ पाने में नाकाम रहे। हालांकि उन्होंने इंडियन टी20 लीग का केवल एक ही सीजन खेला। 2012 में क्लार्क पुणे टीम के सदस्य थे। इस सीजन में उन्होंने 6 मैचों में 16.33 की औसत से 98 रन बनाए। इन मैचों में उन्होंने 6.09 की इकॉनमी दर से दो विकेट भी हासिल किए। 

इसके बाद चोटों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के चलते क्लार्क इस लीग में भाग नहीं ले पाए। 


सौरव गांगुली-

सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट की परिभाषा बदलने के लिए जाना जाता है। सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया 2003 में विश्वकप फाइनल तक पहुंची थी। लेकिन इंडियन टी20 लीग में सौरव गांगुली अपना जलवा नहीं बिखेर सके। गांगुली ने 2008 से लेकर 2012 तक इंडियन टी20 लीग में भाग लिया। उन्होंने 2008 में कोलकाता के कप्तान के रूप में इंडियन टी20 लीग की अपनी यात्रा की शुरूआत की थी। लेकिन इंडियन टी20 लीग के पहले सीजन में कोलकाता ने छठे स्थान पर लीग का समापन किया। इसके बाद ब्रैंडन मैकुलम को कोलकाता की कप्तानी सौंपी गई। लेकिन टीम 2009 में सबसे निचले स्थान पर रही। इसके बाद वापसी गांगुली को कप्तान बनाया गया लेकिन फिर से टीम ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। 2010 में गांगुली का कार्यकाल खत्म हो गया और उन्होंने इसके बाद पुणे टीम का प्रतिनिधित्व किया। अपने इंडियन टी20 लीग करियर में, गांगुली ने 59 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 25.4 के औसत और 106.8 के स्ट्राइक रेट से 1,349 रन बनाए।


एंड्रयू फ्लिंटॉफ-

एंड्रयू फ्लिंटॉफ इंग्लैंड टीम के प्रमुख ऑलराउंडर थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज व दाएं हाथ के तेज गेंदबाज फ्लिंटॉफ ने अपने करियर में  79 टेस्ट मैचों में 31.78 की औसत से 3845 रन बनाए थे, वहीं 141 वनडे मैचों में उन्होंने 32.02 की औसत से 3394 रन बनाए। यदि विकेटों की बात की जाए तो उन्होंने टेस्ट में 226 विकेट चटकाए और वनडे मैचों में 169 विकेट हासिल किए। एंड्रयू फ्लिंटॉफ को एमएस धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई ने 2009 की नीलामी के दौरान 1.55 मिलियन डॉलर की भारी राशि में खरीदा था। जाहिर तौर पर, फ्लिंटॉफ वर्ष 2009 में इंडियन टी20 लीग के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से एक थे। 

हालांकि वे सीजन में केवल 3 ही मैच खेल पाए और 31.00 की औसत से 62 रन बना पाए। इसके अलावा उन्होंने 9.55 की खराब इकॉनमी दर से केवल 2 विकेट झटके। 2009 के बाद वे किसी भी सीजन में नजर नहीं आए।

Ashish saini

Writer, traveler, cricket enthusiast. My blogs take readers on a journey with me.

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